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चन्द्रगुप्त द्वितीय की अन्य विजयें |
चन्द्रगुप्त द्वितीय की अन्य विजयें
चंद्रगुप्त द्वितीय की सैन्य शक्ति पश्चिमी भारत पर विजय से भी आगे तक फैली हुई थी। उन्होंने कई अन्य अभियानों में भाग लिया, जिससे गुप्त साम्राज्य की सीमाओं का और विस्तार हुआ:
वंगा की विजय: चंद्रगुप्त द्वितीय ने वंगा में दुश्मन सरदारों के एक संघ को हराया, जो पूर्वी बंगाल में स्थित एक क्षेत्र है। इस जीत ने पूर्वी क्षेत्रों पर गुप्त साम्राज्य के नियंत्रण को मजबूत किया।
सिंधु नदी को पार करना: उन्होंने सिंधु नदी को पार किया और हिंदू कुश से परे स्थित बैक्ट्रिया क्षेत्र पर विजय प्राप्त की। इस क्षेत्र पर शासन करने वाले कुषाणों को दबा दिया गया, जिससे गुप्त साम्राज्य का प्रभाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया।
इन विजयों के परिणामस्वरूप गुप्त साम्राज्य अपनी अधिकतम सीमा तक पहुँच गया:
पश्चिमी सीमा: साम्राज्य की पश्चिमी सीमा पश्चिमी मालवा, गुजरात और काठियावाड़ तक फैली हुई थी।
उत्तरी सीमा: उत्तर-पश्चिम में, साम्राज्य हिन्दू कुश से आगे बैक्ट्रिया तक फैला हुआ था।
पूर्वी सीमा: पूर्वी सीमा पूर्वी बंगाल को घेरती थी।
दक्षिणी सीमा: नर्मदा नदी साम्राज्य की दक्षिणी सीमा बनाती थी।
निष्कर्ष
चंद्रगुप्त द्वितीय की सैन्य जीत ने गुप्त साम्राज्य को भारत में एक प्रमुख शक्ति के रूप में मजबूती से स्थापित किया। उनकी विजयों ने न केवल साम्राज्य के क्षेत्र का विस्तार किया, बल्कि क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति के रूप में अपनी स्थिति भी मजबूत की।