[Hindi]*Today/Daily Current Affairs | 02 January 2025 | UPSC, SSC, Banking, Railways Exam Prep | iCurrent Affairs

0
दैनिक समसामयिकी (Daily Current Affairs): 02.01.2025

डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP): उपयोग, लाभ और NBS योजना - प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विस्तृत व्याख्या

प्रस्तावना: 2 जनवरी, 2025 तक, डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यूरिया के बाद भारत में दूसरा सबसे अधिक खपत होने वाला उर्वरक होने के नाते, इसके रासायनिक गुणों और सरकारी सब्सिडी ढांचे (NBS) को समझना UPSC, SSC, Banking, Railways और State PSCs के उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) क्या है?

डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) एक उच्च श्रेणी का फॉस्फेटिक उर्वरक है। किसान इसे प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह एक ही प्रयोग में दो आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स—नाइट्रोजन (N) और फॉस्फोरस (P)—प्रदान करता है।

  • रासायनिक सूत्र: $(NH_4)_2HPO_4$
  • संरचना: इसमें आमतौर पर 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस ($P_2O_5$) होता है।
  • प्रकृति: यह पानी में अत्यधिक घुलनशील है, जो इसे पोषक तत्वों की तेजी से रिहाई के लिए प्रभावी बनाता है।

कृषि में प्रमुख लाभ

DAP आधुनिक खेती के लिए निम्नलिखित कारणों से अपरिहार्य है:

  • जड़ विकास: इसमें मौजूद उच्च फास्फोरस सामग्री पौधों के अंकुरण और मजबूत जड़ प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
  • शीघ्र परिपक्वता: यह फसलों को तेजी से परिपक्व होने में मदद करता है, जिससे बेहतर पैदावार चक्र सुनिश्चित होता है।
  • मिट्टी की अनुकूलता: हालांकि यह अस्थायी रूप से मिट्टी के pH को बढ़ाता है (क्षारीय प्रतिक्रिया), लेकिन अंततः यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी में पौधों के पोषण में सहायता करता है।

औद्योगिक एवं अन्य उपयोग (Static GK)

खेतों के अलावा, DAP के कई औद्योगिक अनुप्रयोग हैं जो अक्सर SSC और Railway की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं:

  1. अग्निशामक (Fire Retardant): दहन तापमान को कम करके जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  2. खाद्य उद्योग: वाइनमेकिंग और मीड-मेकिंग में यीस्ट पोषक तत्व के रूप में उपयोग किया जाता है; पनीर संस्कृतियों (cheese cultures) में भी उपयोग किया जाता है।
  3. धातु परिष्करण: तांबा, पीतल और जस्ता की सोल्डरिंग के लिए 'फ्लक्स' के रूप में कार्य करता है।
  4. औद्योगिक प्रक्रियाएं: चीनी को शुद्ध करने और कुछ रसायनों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना

UPSC और अर्थव्यवस्था खंड के लिए, NBS योजना महत्वपूर्ण है:

  • शुरुआत: अप्रैल 2010.
  • मंत्रालय: रसायन और उर्वरक मंत्रालय (उर्वरक विभाग)।
  • उद्देश्य: किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराना।
  • प्रक्रिया: यूरिया (जिसका MRP निश्चित होता है) के विपरीत, DAP जैसे P&K उर्वरकों को पोषक तत्व सामग्री (N, P, K और S) के आधार पर वार्षिक/द्वि-वार्षिक रूप से तय की गई एक निश्चित सब्सिडी राशि मिलती है।

Static GK: परीक्षाओं के लिए त्वरित तथ्य

विशेषता विवरण
भारत में सर्वाधिक प्रयुक्त उर्वरक यूरिया
दूसरा सबसे अधिक प्रयुक्त उर्वरक DAP (डाई-अमोनियम फॉस्फेट)
DAP में N-P-K अनुपात 18:46:0
NBS योजना का प्रारंभ वर्ष 2010
DAP में प्राथमिक पोषक तत्व फॉस्फोरस (46%)

चर्चा में क्यों है? (जनवरी 2025 संदर्भ)

2025 के वर्तमान कृषि सीजन में, सरकार आयात निर्भरता कम करने और पोषक तत्व दक्षता में सुधार करने के लिए नैनो-डीएपी (Nano-DAP) के उपयोग पर जोर दे रही है। रबी फसल सीजन के लिए DAP स्टॉक का प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है।

दैनिक समसामयिकी (Daily Current Affairs): 02.01.2025

UDISE+ की व्याख्या: अर्थ, विशेषताएं और UDISE+ रिपोर्ट 2023-24 की मुख्य विशेषताएं

प्रस्तावना: 'यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस' (UDISE+) भारत की स्कूली शिक्षा डेटा का मुख्य आधार है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित, यह विश्व स्तर पर सबसे बड़े प्रबंधन सूचना प्रणालियों (MIS) में से एक है। UPSC, SSC, टीचिंग (CTET/KVS) और राज्य PSC के उम्मीदवारों के लिए, प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए नवीनतम UDISE+ 2023-24 रिपोर्ट को समझना आवश्यक है।

UDISE+ क्या है?

UDISE+ का अर्थ है 'यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस'। यह मूल UDISE का एक अद्यतन और बेहतर संस्करण है, जिसे कागजी डेटा संग्रह से पूरी तरह से ऑनलाइन रीयल-टाइम सिस्टम में बदलने के लिए लॉन्च किया गया था।

  • कार्यान्वयन एजेंसी: स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL), शिक्षा मंत्रालय।
  • कवरेज: 14.72 लाख से अधिक स्कूल, 98.08 लाख शिक्षक और 24.80 करोड़ छात्र।
  • उद्देश्य: शिक्षा क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित योजना और निर्णय लेने के लिए एक मजबूत डेटाबेस तैयार करना।

UDISE+ रिपोर्ट 2023-24 के मुख्य निष्कर्ष

नवीनतम रिपोर्ट भारतीय स्कूली शिक्षा में महत्वपूर्ण रुझानों पर प्रकाश डालती है:

  • कुल नामांकन: वर्तमान में भारत भर के स्कूलों में 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं।
  • लिंग अनुपात: कुल नामांकन में लड़कों की हिस्सेदारी 51.9% जबकि लड़कियों की हिस्सेदारी 48.1% है।
  • अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व: नामांकन में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी लगभग 20% है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
  • नामांकन में गिरावट: दिलचस्प बात यह है कि पिछले मूल्यांकन वर्ष की तुलना में छात्रों की संख्या में 1 करोड़ से अधिक की गिरावट आई है, जो नीतिगत समीक्षा की आवश्यकता को इंगित करती है।

बुनियादी ढांचे की कमी: एक आलोचनात्मक विश्लेषण

रिपोर्ट ने भारतीय स्कूलों के भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डाला:

  • कंप्यूटर: केवल 57.2% स्कूलों में कार्यात्मक कंप्यूटर सुविधाएं हैं।
  • इंटरनेट एक्सेस: केवल 53.9% स्कूल इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस हैं।
  • पहुंच (Accessibility): 52.3% स्कूलों में विकलांग छात्रों (CwSN) के लिए रैंप की सुविधा है।

डेटा संग्रह और सत्यापन प्रक्रिया

डेटा की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए UDISE+ तीन-स्तरीय सत्यापन का पालन करता है:

  1. डेटा प्रविष्टि (Data Entry): डेटा कैप्चर फॉर्मेट (DCF) का उपयोग करके हेड टीचर द्वारा स्कूल स्तर पर किया जाता है।
  2. स्तर 1: ब्लॉक/क्लस्टर संसाधन केंद्र द्वारा सत्यापन।
  3. स्तर 2: जिला स्तर पर सत्यापन।
  4. स्तर 3: राज्य स्तर पर अंतिम सत्यापन, राज्य परियोजना निदेशक (SPD) द्वारा अनुमोदित।

Static GK: परीक्षाओं के लिए त्वरित तथ्य

पैरामीटर विवरण
पूर्ण रूप (Full Form) यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस
मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय
लॉन्च वर्ष (प्लस संस्करण) 2018-19 (शुरुआत में UDISE 2012-13 में शुरू हुआ था)
शिक्षकों की संख्या लगभग 98.08 लाख
सिस्टम का प्रकार प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS)

MIS क्या है? (वैचारिक स्पष्टता)

एक प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) एक कंप्यूटर-आधारित प्रणाली है जो प्रबंधकों को किसी संगठन के भीतर विभागों को व्यवस्थित करने, मूल्यांकन करने और कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए उपकरण प्रदान करती है। UDISE+ के संदर्भ में, यह सरकार को सतत विकास लक्ष्य 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) को पूरा करने के लिए "सकल नामांकन अनुपात" (GER) और "शुद्ध नामांकन अनुपात" (NER) को ट्रैक करने में मदद करता है।

दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

भारतीय तंबाकू बोर्ड: कार्यों, भूमिका और 2025 के करंट अफेयर्स का विस्तृत विश्लेषण

प्रस्तावना: भारतीय तंबाकू बोर्ड तंबाकू के उत्पादन और निर्यात को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो भारत में एक प्रमुख वाणिज्यिक फसल है। 2 जनवरी, 2025 तक, बोर्ड आईटी-सक्षम नीलामी प्रणालियों के सफल कार्यान्वयन के लिए चर्चा में रहा है, जिसने किसानों की आय में काफी वृद्धि की है। यह पोस्ट UPSC, SSC, Banking और Railway के उम्मीदवारों के लिए तंबाकू बोर्ड के हर पहलू को कवर करती है।

भारतीय तंबाकू बोर्ड क्या है?

तंबाकू बोर्ड एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है जिसकी स्थापना 'तंबाकू बोर्ड अधिनियम, 1975' के तहत की गई थी। इसने उद्योग के लिए अधिक व्यापक नियामक ढांचा प्रदान करने के लिए तंबाकू निर्यात संवर्धन परिषद का स्थान लिया।

  • स्थापना: 1 जनवरी, 1976
  • मुख्यालय: गुंटूर, आंध्र प्रदेश
  • नोडल मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
  • प्राथमिक फोकस: फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू का विनियमन और सभी तंबाकू किस्मों का निर्यात संवर्धन।

प्रमुख कार्य और भूमिकाएं

बोर्ड की जिम्मेदारियां खेत से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार तक फैली हुई हैं:

  • उत्पादन का विनियमन: यह मांग-आपूर्ति असंतुलन को रोकने के लिए सालाना फसल का आकार तय करता है।
  • नीलामी मंच: यह वर्जीनिया तंबाकू की पारदर्शी बिक्री के लिए पंजीकृत नीलामी मंच स्थापित करता है।
  • प्रमाणन: यह निर्यात के लिए उत्पत्ति का प्रमाण पत्र (CoO) और प्रामाणिकता प्रमाण पत्र जारी करने वाली अधिकृत एजेंसी है।
  • किसान कल्याण: "तंबाकू बोर्ड उत्पादक कल्याण कोष" का प्रबंधन करता है और बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • अनुसंधान और विकास: तंबाकू की गुणवत्ता में सुधार और टिकाऊ खेती के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को प्रायोजित करता है।

Static GK: भारतीय तंबाकू उद्योग पर एक नज़र

पैरामीटर विवरण
वैश्विक उत्पादन रैंक द्वितीय (चीन के बाद)
वैश्विक निर्यात रैंक द्वितीय (ब्राजील के बाद)
सबसे बड़ा उत्पादक राज्य गुजरात (लगभग 45% हिस्सा)
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश
विनियमित मुख्य किस्म फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू

चर्चा में क्यों? (जनवरी 2025 अपडेट)

तंबाकू बोर्ड ने हाल ही में घोषणा की है कि 2019-20 के बाद से FCV तंबाकू किसानों की कमाई दोगुनी से अधिक हो गई है। औसत कीमत 2024-25 में 124 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 279.54 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इस वृद्धि का श्रेय निम्नलिखित को दिया जाता है:

  • उचित मूल्य निर्धारण के लिए आईटी-सक्षम इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रणालियों का कार्यान्वयन।
  • यूएई जैसे मध्य पूर्वी बाजारों में आक्रामक निर्यात ब्रांडिंग।
  • सूखे से प्रभावित सीजन के दौरान अतिरिक्त तंबाकू की बिक्री के लिए जुर्माना-मुक्त विंडो प्रदान करना।

परीक्षा उन्मुख तथ्य (UPSC/SSC/Banking)

  1. संवैधानिक स्थिति: यह संवैधानिक निकाय नहीं है; यह संसद के एक अधिनियम के तहत एक सांविधिक निकाय है।
  2. भूगोल: तंबाकू को पाले से मुक्त अवधि (90-120 दिन) और 20-30°C के बीच तापमान की आवश्यकता होती है। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी इसके लिए आदर्श है।
  3. स्वास्थ्य नीति: हालांकि बोर्ड एक फसल के रूप में तंबाकू को बढ़ावा देता है, लेकिन WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC), जिसका भारत एक पक्षकार है, खपत को कम करने का मार्गदर्शन करता है।
दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

बेली लैंडिंग (गियर-अप लैंडिंग): अर्थ, जोखिम और विमानन सुरक्षा की विस्तृत व्याख्या

प्रस्तावना: विमानन सुरक्षा तकनीकें प्रतियोगी परीक्षाओं के 'विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी' और 'भूगोल' खंडों में एक महत्वपूर्ण विषय हैं। हाल ही में, जेजू एयर (Jeju Air) से जुड़ी एक बड़ी विमानन घटना के बाद बेली लैंडिंग (Belly Landing) की अवधारणा चर्चा में आई है। ऐसी लैंडिंग के पीछे की तकनीकी युक्तियों और आपातकालीन प्रोटोकॉल को समझना UPSC, SSC और रक्षा परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है।

बेली लैंडिंग क्या है?

एक बेली लैंडिंग, जिसे गियर-अप लैंडिंग के रूप में भी जाना जाता है, तब होती है जब कोई विमान अपने लैंडिंग गियर (पहियों) को पूरी तरह से खोले बिना लैंड करता है। इसके बजाय, पायलट विमान के निचले हिस्से (धड़ या फूसलेज) यानी "बेली" को प्राथमिक लैंडिंग सतह के रूप में उपयोग करता है।

  • "अंतिम उपाय": इसे एक आपातकालीन तकनीक माना जाता है जिसका उपयोग केवल तभी किया जाता है जब यांत्रिक या तकनीकी विफलता के कारण लैंडिंग गियर तैनात नहीं हो पाता।
  • जोखिम कारक: यह संरचनात्मक टूट-फूट, घर्षण की चिंगारी से आग लगने और विमान के पलट जाने के जोखिम के कारण स्वाभाविक रूप से खतरनाक है।

पायलट बेली लैंडिंग का विकल्प क्यों चुनते हैं?

कॉकपिट क्रू विशिष्ट उच्च-जोखिम वाली स्थितियों में इस पैंतरे को करने का निर्णय लेता है:

  • यांत्रिक विफलता: लैंडिंग गियर तंत्र जाम हो गया है या हाइड्रोलिक सिस्टम विफल हो गया है।
  • ऑफ-एयरपोर्ट लैंडिंग: यदि कोई प्रभावित विमान हवाई अड्डे तक नहीं पहुंच सकता है और उसे किसी खेत में उतरना पड़ता है, तो पायलट विमान को धंसने और पलटने से रोकने के लिए गियर को ऊपर ही रख सकता है।
  • डिचिंग (Ditching): पानी पर आपातकालीन लैंडिंग करते समय, विमान को तुरंत नाक के बल डूबने (nose-diving) से बचाने के लिए बेली लैंडिंग करना अधिक सुरक्षित होता है।
  • मानवीय भूल: दुर्लभ मामलों में, विचलित चालक दल लैंडिंग गियर को नीचे करना भूल सकता है।

तकनीक: दबाव में सटीकता

गियर-अप लैंडिंग को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता होती है:

  • लेवलिंग (समतल करना): पंखों को जमीन के बिल्कुल समानांतर रखना चाहिए। थोड़ा सा भी झुकाव विंगटिप को सतह से टकरा सकता है, जिससे विमान कलाबाजी खाकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।
  • नियंत्रित वंश (Descent): पायलट को प्रभाव बलों को कम करने के लिए एक उथला कोण (shallow angle) और न्यूनतम नियंत्रणीय वायु गति बनाए रखनी चाहिए।
  • अग्नि शमन: ऐतिहासिक रूप से, चिंगारियों को रोकने के लिए रनवे पर "फोम" बिछाया जाता था, हालांकि आधुनिक आपातकालीन सेवाएं अब विमान रुकने के बाद त्वरित प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

Static GK: परीक्षाओं के लिए विमानन शब्दावली

शब्द अर्थ
Ditching (डिचिंग) पानी पर की गई एक नियोजित आपातकालीन लैंडिंग।
Flaps/Slats पंखों पर लगे उपकरण जो कम गति पर लिफ्ट बढ़ाते हैं (बेली लैंडिंग के दौरान महत्वपूर्ण)।
Stall (स्टाल) ऐसी स्थिति जिसमें विमान लिफ्ट खो देता है और तेजी से नीचे गिरने लगता है।
DGCA नागर विमानन महानिदेशालय (भारतीय नियामक निकाय)।
Mayday (मेडे) जीवन के लिए खतरनाक आपात स्थितियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संकट संकेत।

करंट अफेयर्स संदर्भ: जेजू एयर घटना

जनवरी 2025 में, जेजू एयर की उड़ान 7C2216 दक्षिण कोरिया के मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक दुखद बेली-लैंडिंग प्रयास के बाद सुर्खियों में आई। विमान रनवे से आगे निकल गया, जो आधुनिक सुरक्षा प्रोटोकॉल के बावजूद गंभीर जोखिमों को उजागर करता है। यह घटना मुख्य परीक्षाओं में 'विमानन सुरक्षा प्रबंधन' और 'आपदा प्रबंधन' विषयों के लिए एक केस स्टडी के रूप में कार्य करती है।

दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (NAeG) 2025: विजेताओं की पूरी सूची और योजना का विवरण

प्रस्तावना: डिजिटल परिवर्तन विकसित भारत की आधारशिला है। हाल ही में विशाखापत्तनम में 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन (NCeG) का समापन हुआ, जहाँ राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (NAeG) 2025 प्रदान किए गए। पहली बार, ग्राम पंचायतों के लिए एक समर्पित श्रेणी शुरू की गई, जो जमीनी स्तर पर डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। यह पोस्ट UPSC GS पेपर II, SSC और बैंकिंग परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (NAeG) के बारे में

NAeG पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा ई-गवर्नेंस पहलों के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए प्रदान किए जाते हैं।

  • विषय (Theme) 2025: "विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन"।
  • पुरस्कार राशि: स्वर्ण पुरस्कार के लिए ₹10 लाख और रजत पुरस्कार के लिए ₹5 लाख
  • नया जुड़ाव: "ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर की पहल" के लिए एक विशेष श्रेणी।

प्रमुख विजेता: स्वर्ण श्रेणी (2025)

  • SAMPADA 2.0: वाणिज्यिक कर विभाग, मध्य प्रदेश (पेपरलेस संपत्ति पंजीकरण के लिए)।
  • माइनिंग टेनमेंट सिस्टम: भारतीय खान ब्यूरो, खान मंत्रालय।
  • डिजी यात्रा (Digi Yatra): नागरिक उड्डयन मंत्रालय (निर्बाध हवाई यात्रा के लिए)।
  • भाषिणी प्रभाग (Bhashini Division): इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (AI-आधारित भाषा अनुवाद के लिए)।
  • क्वांटम सेफ VPN: रक्षा मंत्रालय (उन्नत साइबर सुरक्षा के लिए)।
  • रोहिणी ग्राम पंचायत: धुले, महाराष्ट्र (जमीनी स्तर की श्रेणी में स्वर्ण)।

जमीनी स्तर की डिजिटल क्रांति: ग्राम पंचायत विजेता

एक ऐतिहासिक कदम में, डिजिटल सेवा वितरण को गहरा करने के लिए चार पंचायतों को मान्यता दी गई:

पुरस्कार ग्राम पंचायत राज्य मुख्य विशेषता
स्वर्ण (Gold) रोहिणी महाराष्ट्र 100% डिजिटल साक्षरता और पेपरलेस ई-ऑफिस।
रजत (Silver) पश्चिम मजलिशपुर त्रिपुरा सिटिजन चार्टर-आधारित ऑनलाइन प्रमाण पत्र।
जूरी अवार्ड पलसाना गुजरात QR/UPI आधारित संपत्ति कर भुगतान।
जूरी अवार्ड सुआकाटी ओडिशा OdishaOne के माध्यम से 24/7 सेवा ट्रैकिंग।

Static GK: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए त्वरित तथ्य

विषय विवरण
नोडल विभाग DARPG (कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय)
सम्मेलन का स्थान विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश (28वां संस्करण)
DARPG सचिव श्री वी. श्रीनिवास (वर्तमान)
डिजिटल इंडिया लॉन्च 1 जुलाई, 2015

UPSC और SSC के लिए महत्व

ये पुरस्कार "सरकार से ई-गवर्नेंस" की ओर बढ़ने की दिशा को दर्शाते हैं। सम्मेलन के दौरान चर्चा किए गए प्रमुख स्तंभों में शामिल थे:

  • साइबर सुरक्षा: डिजिटल संप्रभुता की रक्षा करना।
  • डेटा एनालिटिक्स: जोखिम-आधारित खतरे की खुफिया जानकारी के लिए डेटा का उपयोग (जैसे, NIC द्वारा DHRISTI)।
  • AI समावेशिता: भाषिणी (BHASHINI) जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से भाषा की बाधा को दूर करना।
दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य: अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व का एक अनमोल रत्न

प्रस्तावना: पर्यावरण संरक्षण और संरक्षित क्षेत्र प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment & Ecology) खंड के मुख्य विषय हैं। दक्षिणी पश्चिमी घाट में स्थित शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य, अपनी अनूठी वनस्पतियों और अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है। 2 जनवरी, 2025 तक, यह पारिस्थितिक पर्यटन (eco-tourism) और संरक्षण अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है।

स्थान और भौगोलिक संदर्भ

शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य केरल के कोल्लम जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1984 में हुई थी और इसका नाम स्थानिक वृक्ष प्रजाति ग्लूटा ट्रावनकोरिका (Gluta travancorica) के नाम पर रखा गया है, जिसे स्थानीय रूप से चेनकुरूंजी (Chenkurunji) कहा जाता है।

  • क्षेत्रफल: लगभग 172 वर्ग किलोमीटर।
  • क्षेत्र: दक्षिणी पश्चिमी घाट।
  • बायोस्फीयर कनेक्शन: यह अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व (यूनेस्को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व) का एक प्रमुख हिस्सा है।

नदियाँ और जल निकासी व्यवस्था

अभयारण्य की पारिस्थितिकी एक मजबूत नदी नेटवर्क द्वारा संचालित है:

  • अभयारण्य का जल निकासी क्षेत्र शेंदुर्नी, कझुथुरुथी और कुलथुपुझा नदियों से बना है।
  • ये तीनों नदियाँ मिलकर कल्लडा नदी बनाती हैं।
  • तेनमाला बांध (परप्पर जलाशय) अभयारण्य के भीतर स्थित है, जो इसे केरल में सिंचाई और बिजली के लिए एक प्रमुख स्थल बनाता है।

जैव विविधता: वनस्पति और जीव

यह अभयारण्य घने उष्णकटिबंधीय जंगलों से समृद्ध है:

  • वनस्पति: मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय सदाबहार और अर्ध-सदाबहार वन। चेनकुरूंजी वृक्ष (ग्लूटा ट्रावनकोरिका) इस अभयारण्य का वनस्पति प्रतीक (floral icon) है।
  • जीव: यह शेर जैसी पूंछ वाले बंदर (Lion-tailed Macaque), नीलगिरी लंगूर, हाथियों, बाघों और तेंदुओं का घर है।
  • पक्षी: पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां यहाँ पाई जाती हैं, जिनमें ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल और मालाबार विसलिंग थ्रश शामिल हैं।

Static GK: अभ्यर्थियों के लिए त्वरित तथ्य

विशेषता विवरण
राज्य केरल (कोल्लम जिला)
नामकरण चेनकुरूंजी वृक्ष के नाम पर (स्थानिक प्रजाति)
बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व
पहली इको-टूरिज्म परियोजना तेनमाला (भारत का पहला नियोजित इको-टूरिज्म स्थल)
मुख्य नदी कल्लडा नदी

अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर क्लस्टर

UPSC प्रीलिम्स के लिए, उन तीन प्रमुख अभयारण्यों को याद रखना महत्वपूर्ण है जो अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व का मुख्य हिस्सा बनाते हैं:

  1. शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य
  2. पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्य
  3. नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य
दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (CGWB): कार्य, अधिदेश और 2025 की गुणवत्ता रिपोर्ट

प्रस्तावना: भूजल भारत की कृषि और पेयजल सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (CGWB) इसके प्रबंधन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय शीर्ष एजेंसी है। 2 जनवरी, 2025 को, कई राज्यों में बढ़ते नाइट्रेट और यूरेनियम संदूषण पर CGWB के नवीनतम निष्कर्षों ने महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चिंताएँ पैदा की हैं। यह पोस्ट UPSC, SSC, Banking और Defence परीक्षाओं के लिए एक पूर्ण मार्गदर्शिका प्रदान करती है।

केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (CGWB) क्या है?

CGWB जल शक्ति मंत्रालय के तहत एक बहु-विषयक वैज्ञानिक संगठन है। यह देश के भूजल संसाधनों के आकलन और नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • स्थापना: 1970 (एक्सप्लोरेटरी ट्यूब वेल्स ऑर्गनाइजेशन का नाम बदलकर)।
  • मुख्यालय: भूजल भवन, फरीदाबाद, हरियाणा।
  • प्रकृति: जल संसाधन विभाग के तहत अधीनस्थ कार्यालय।
  • मुख्य अंग: पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत गठित केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA), नियामक शाखा के रूप में कार्य करता है।

प्रमुख कार्य और अधिदेश

CGWB 18 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से संचालित होता है जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:

  • संसाधन आकलन: सभी जिलों में भूजल की उपलब्धता और गुणवत्ता का समय-समय पर मूल्यांकन।
  • NAQUIM कार्यक्रम: भारत की भूमिगत जल-युक्त चट्टानों का मानचित्रण करने के लिए राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम का कार्यान्वयन।
  • कृत्रिम पुनर्भरण (Artificial Recharge): अत्यधिक शोषित ब्लॉकों में वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
  • निगरानी: जल स्तर के उतार-चढ़ाव और रासायनिक संरचना पर नज़र रखने के लिए अवलोकन कुओं (Observation Wells) के एक विशाल नेटवर्क का संचालन करना।

करेंट अफेयर्स अपडेट: 2025 गुणवत्ता रिपोर्ट

वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2025 के अनुसार, कई चिंताजनक प्रवृत्तियों की पहचान की गई है:

  • नाइट्रेट संदूषण: लगभग 440 जिलों में अब सुरक्षित सीमा (45 mg/l) से ऊपर नाइट्रेट स्तर दर्ज किया गया है, जिसका मुख्य कारण उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग और खराब सीवेज प्रबंधन है।
  • यूरेनियम की उपस्थिति: पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अत्यधिक शोषित क्षेत्रों में यूरेनियम का उच्च स्तर पाया गया है।
  • आर्सेनिक और फ्लोराइड: गंगा के मैदानी इलाकों (पश्चिम बंगाल, बिहार) और तेलंगाना जैसे शुष्क क्षेत्रों में एक बड़ा खतरा बना हुआ है।

Static GK: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए त्वरित तथ्य

पैरामीटर विवरण
मूल मंत्रालय जल शक्ति मंत्रालय (स्थापना 2019)
नियमन के लिए नोडल अधिनियम पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 (CGWA के माध्यम से)
राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण NAQUIM (दुनिया का सबसे बड़ा मानचित्रण कार्यक्रम)
मुख्य प्रशिक्षण संस्थान राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (रायपुर)

परीक्षा उन्मुख बिंदु (UPSC/SSC)

  1. ब्लू बेबी सिंड्रोम: पीने के पानी में अत्यधिक नाइट्रेट से मेथेमोग्लोबिनेमिया हो सकता है, जिसे आमतौर पर 'ब्लू बेबी सिंड्रोम' के रूप में जाना जाता है।
  2. निष्कर्षण दर: भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है, जो चीन और अमेरिका के कुल उपयोग से भी अधिक पानी निकालता है।
  3. अटल भूजल योजना: समुदाय के नेतृत्व में टिकाऊ भूजल प्रबंधन के लिए CGWB द्वारा कार्यान्वित एक विश्व बैंक सहायता प्राप्त योजना।
दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

स्टेलेरिया बेंगालेंसिस (Stellaria bengalensis): पश्चिम बंगाल में पौधे की नई प्रजाति की खोज

प्रस्तावना: भारत की समृद्ध जैव विविधता वैज्ञानिक समुदाय को आश्चर्यचकित करना जारी रखे हुए है। 2 जनवरी, 2025 को, नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (NEHU), शिलांग और PSG कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, कोयंबटूर के शोधकर्ताओं ने आधिकारिक तौर पर स्टेलेरिया बेंगालेंसिस नामक एक नई पौधे की प्रजाति की खोज की घोषणा की। यह खोज UPSC, राज्य PCS और SSC के अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पर्यावरण खंड में नई वनस्पतियों और जीवों से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।

खोज और वर्गीकरण (Taxonomy)

यह नई प्रजाति कैरियोफिलेसी (Caryophyllaceae) परिवार (जिसे आमतौर पर कार्नेशन परिवार के रूप में जाना जाता है) के भीतर स्टेलेरिया (Stellaria) वंश से संबंधित है। इसकी पहचान शोधकर्ता आर्या एस. और हर्ष सिंह द्वारा की गई थी और इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल फाइटोटैक्सा (Phytotaxa) में प्रकाशित किया गया था।

  • दूसरी खोज: यह हाल ही में भारत में खोजी गई दूसरी स्टेलेरिया प्रजाति है, इससे पहले केरल में स्टेलेरिया मैक्लिंटोकिया (Stellaria mcclintockiae) पाई गई थी।
  • आवास (Habitat): इसे पश्चिम बंगाल के कालिम्पोंग जिले के सांगसेर जंगल में खोजा गया था।
  • ऊंचाई: यह 2,245 से 2,450 मीटर के बीच की उच्च ऊंचाई पर पनपता है।

स्टेलेरिया बेंगालेंसिस की प्रमुख विशेषताएं

वैचारिक परीक्षा प्रश्नों में नई प्रजातियों की पहचान के लिए उनके भौतिक लक्षणों को समझना आवश्यक है:

  • रूप: यह एक छोटा वार्षिक शाक (herb) है, जिसकी ऊंचाई 8 से 10.5 सेमी तक होती है।
  • फूल: इसमें छोटे सफेद, तारे के आकार के फूल होते हैं (नाम "स्टेलेरिया" लैटिन शब्द 'तारे' से आया है)।
  • अद्वितीय लक्षण: कई संबंधित प्रजातियों के विपरीत, इसमें सहपत्र (bracts) की कमी होती है और इसकी पंखुड़ियाँ बाह्यदलों (sepals) से छोटी या उनमें छिपी होती हैं।
  • जीवन चक्र: इसमें फूल और फल मुख्य रूप से मई से सितंबर तक आते हैं।

पारिस्थितिक और संरक्षण स्थिति

शोधकर्ताओं के मूल्यांकन के अनुसार, स्टेलेरिया बेंगालेंसिस का एक विशिष्ट पारिस्थितिक स्थान है:

  • कीचड़दार ढलान: अपने केरल के रिश्तेदार की तरह, यह कीचड़ वाली मिट्टी की ढलानों पर उगना पसंद करता है।
  • IUCN स्थिति: वर्तमान में "डेटा की कमी" (Data Deficient - DD) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि अभी तक इसके विलुप्त होने के जोखिम का आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है।
  • वितरण: हालांकि वर्तमान में यह पूर्वी हिमालय (कालिम्पोंग) में पाया गया है, शोधकर्ताओं का मानना है कि यह पश्चिमी हिमालय के अन्य हिस्सों में भी मौजूद हो सकता है।

Static GK: स्टेलेरिया वंश और कैरियोफिलेसी परिवार

शब्द विवरण
वंश स्टेलेरिया (Genus Stellaria) दुनिया भर में लगभग 200 प्रजातियां शामिल हैं; भारत में लगभग 22 पाई जाती हैं।
सामान्य नाम इन्हें अक्सर "चिकवीड्स" या "स्टारवॉर्ट्स" कहा जाता है।
कैरियोफिलेसी (Caryophyllaceae) कार्नेशन परिवार, जिसमें लगभग 2,000 प्रजातियां शामिल हैं, जो ज्यादातर शाकीय होती हैं।
फाइटोटैक्सा (Phytotaxa) वनस्पति वर्गीकरण के लिए एक सहकर्मी-समीक्षित (peer-reviewed) वैज्ञानिक पत्रिका।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्व

अभ्यर्थियों को इस खोज को हिमालयी जैव विविधता और प्रजाति संरक्षण जैसे व्यापक विषयों से जोड़ना चाहिए। यह विषय निम्नलिखित के लिए उपयुक्त है:

  • UPSC प्रीलिम्स: भूगोल (वनस्पति) और पर्यावरण (नई प्रजातियां)।
  • SSC/राज्य परीक्षाएं: सामान्य जागरूकता (पश्चिम बंगाल में खोजें)।
  • साक्षात्कार/मुख्य परीक्षा: भारत की प्राकृतिक विरासत के दस्तावेजीकरण में वर्गीकरण (Taxonomy) की भूमिका।
दैनिक समसामयिकी: 02.01.2025

टिनिटस (Tinnitus): "कानों में बजने वाली घंटी" को समझना और 2025 के नवीनतम शोध

प्रस्तावना: टिनिटस कोई बीमारी नहीं बल्कि एक अंतर्निहित स्थिति का लक्षण है। वैश्विक जनसंख्या के लगभग 15-20% हिस्से को प्रभावित करने वाली इस स्थिति की विशेषता बिना किसी बाहरी स्रोत के कानों में शोर या घंटी बजने का अहसास है। 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत में, नैदानिक ​​तकनीक और वस्तुनिष्ठ माप में महत्वपूर्ण प्रगति ने इसे UPSC (विज्ञान एवं तकनीक) और SSC (सामान्य जागरूकता) परीक्षाओं के लिए एक ट्रेंडिंग विषय बना दिया है।

टिनिटस क्या है?

टिनिटस काल्पनिक आवाजों को सुनने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मेडिकल शब्द है। ये आवाजें बाहरी ध्वनि स्रोत के बजाय मस्तिष्क या श्रवण प्रणाली द्वारा उत्पन्न होती हैं।

[Image of the human ear and auditory nerve]
  • व्यक्तिपरक टिनिटस (Subjective Tinnitus): सबसे सामान्य रूप जहाँ केवल रोगी को आवाज सुनाई देती है। यह अक्सर श्रवण तंत्रिका या मस्तिष्क प्रसंस्करण समस्याओं से जुड़ा होता है।
  • वस्तुनिष्ठ टिनिटस (Objective Tinnitus): एक दुर्लभ रूप जहाँ डॉक्टर वास्तव में स्टेथोस्कोप का उपयोग करके आवाज सुन सकते हैं, जो अक्सर रक्त वाहिका (vascular) समस्याओं या मांसपेशियों के संकुचन के कारण होता है।

सामान्य लक्षण और आवाजें

रोगी विभिन्न प्रकार की "काल्पनिक" आवाजों का अनुभव करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • घंटी बजना (तेज आवाज)
  • भनभनाहट या फुसफुसाहट (Buzzing or Hissing)
  • गरजना या सरसराहट (Roaring or Whooshing) - अक्सर पल्सेटाइल टिनिटस से जुड़ा होता है।
  • क्लिक करना - कान की मांसपेशियों में ऐंठन से संबंधित।

टिनिटस के प्राथमिक कारण

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इसके कारणों (Etiology) को समझना महत्वपूर्ण है:

  • सुनने की शक्ति कम होना: उम्र से संबंधित (Presbycusis) या शोर के कारण कोक्लिया में मौजूद 'हेयर सेल्स' का क्षतिग्रस्त होना।
  • कान के मैल (Earwax) का जमाव: शारीरिक रुकावट के कारण दबाव में परिवर्तन।
  • चिकित्सीय स्थितियां: मेनियर रोग (Meniere’s disease), जबड़े (TMJ) के विकार और उच्च रक्तचाप।
  • दवाएं: एस्पिरिन की उच्च खुराक, कुछ एंटीबायोटिक्स और मूत्रवर्धक दवाएं (Ototoxicity)।

2025 समसामयिकी अपडेट: चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी सफलताएं

जनवरी 2025 तक, कई प्रमुख विकास हुए हैं:

  • IIT बॉम्बे का नवाचार: IIT बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने एक किफायती नैदानिक उपकरण विकसित किया है जो सटीक टिनिटस मिलान और मल्टीमॉडल उपचार ट्रैकिंग का उपयोग करता है।
  • वस्तुनिष्ठ बायोमार्कर: हार्वर्ड और मास जनरल ब्रिघम के वैज्ञानिकों ने चेहरे की सूक्ष्म गतिविधियों और पुतलियों के फैलाव को टिनिटस की गंभीरता को मापने के वस्तुनिष्ठ उपायों के रूप में पहचाना है, जिससे केवल रोगी प्रश्नावली पर निर्भरता कम होगी।
  • लेनायर (Lenire) डिवाइस: पहले FDA-अनुमोदित बायमोडल न्यूरोमॉड्यूलेशन डिवाइस (जो ध्वनि को जीभ की उत्तेजना के साथ जोड़ता है) ने 2025 के वास्तविक दुनिया के अध्ययनों में 90% से अधिक नैदानिक सफलता दिखाई है।

Static GK: परीक्षाओं के लिए त्वरित तथ्य

विशेषता विवरण
श्रेणी श्रवण प्रणाली का लक्षण
कोक्लिया (Cochlea) आंतरिक कान का सर्पिल आकार का हिस्सा जिसमें सुनने वाली कोशिकाएं होती हैं।
ओटोटॉक्सिसिटी (Ototoxicity) कान (विशेष रूप से कोक्लिया या श्रवण तंत्रिका) के लिए विषैला होने का गुण।
पल्सेटाइल टिनिटस लयबद्ध शोर जो दिल की धड़कन का अनुसरण करता है।

Providing you the most updated current affairs for a brighter career. Always Visit iCurrent Affairs | Powerd By @itselfu. Subscribe Our Youtube Channel and Join Our Telegram Channel For Importants Update.

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top