दैनिक वन-लाइनर्स: 02.01.2025
विज्ञान एवं तकनीक संक्षिप्त: टिनिटस (Tinnitus) सफलता और मुख्य तथ्य
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- टिनिटस की परिभाषा: एक चिकित्सीय लक्षण जिसमें बाहरी ध्वनि स्रोत के बिना कानों में "आभासी" शोर (बजना/गूंजना) सुनाई देता है।
- IIT बॉम्बे का नवाचार: शोधकर्ताओं ने सटीक टिनिटस मिलान और मल्टीमॉडल ट्रैकिंग के लिए एक कम लागत वाला नैदानिक उपकरण विकसित किया है।
- वस्तुनिष्ठ बायोमार्कर (Objective Biomarkers): हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने टिनिटस के निदान के लिए पुतली का फैलना (pupil dilation) और चेहरे की सूक्ष्म हलचल को वस्तुनिष्ठ माप के रूप में पहचाना है।
- मेडिकल टेक्नोलॉजी: Lenire डिवाइस पहला FDA-अनुमोदित 'बायमॉडल न्यूरोमोड्यूलेटर' है जो टिनिटस के इलाज के लिए जीभ की उत्तेजना (tongue stimulation) का उपयोग करता है।
- ओटोटॉक्सिसिटी (Ototoxicity): यह एस्पिरिन की उच्च खुराक या कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के कारण होने वाली कान की क्षति या सुनने की क्षमता में कमी को संदर्भित करता है।
- पल्सेटाइल टिनिटस (Pulsatile Tinnitus): कान में होने वाला एक लयबद्ध शोर जो विशेष रूप से रोगी के दिल की धड़कन के साथ मेल खाता है, जो अक्सर संवहनी (vascular) समस्याओं का संकेत देता है।
प्रश्न-उत्तर: टिनिटस और श्रवण स्वास्थ्य
प्रश्न 1. हाल ही में किस भारतीय संस्थान ने टिनिटस के लिए एक किफायती नैदानिक उपकरण विकसित किया है?
उत्तर: IIT बॉम्बे।
प्रश्न 2. व्यक्तिपरक (Subjective) और वस्तुनिष्ठ (Objective) टिनिटस में क्या अंतर है?
उत्तर: 'सब्जेक्टिव' केवल रोगी द्वारा सुना जाता है; 'ऑब्जेक्टिव' डॉक्टर द्वारा (आमतौर पर स्टेथोस्कोप के माध्यम से) सुना जा सकता है।
प्रश्न 3. आंतरिक कान के किस भाग में सुनने के लिए जिम्मेदार 'हेयर सेल्स' (बाल कोशिकाएं) होती हैं?
उत्तर: कोक्लीआ (Cochlea)।
प्रश्न 4. हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने टिनिटस की गंभीरता को मापने के लिए किन नए "वस्तुनिष्ठ" उपायों को खोजा है?
उत्तर: पुतली का फैलना और चेहरे की सूक्ष्म हलचलें।
प्रश्न 5. कौन सा शब्द उन दवाओं का वर्णन करता है जो कान या श्रवण तंत्रिका के लिए विषाक्त होती हैं?
उत्तर: ओटोटॉक्सिक (Ototoxic) दवाएं।
स्टैटिक GK त्वरित संदर्भ
| शब्द (Term) | परीक्षा प्रासंगिकता / विवरण |
|---|---|
| प्रेस्बायकुसिस (Presbycusis) | उम्र से संबंधित सुनने की शक्ति कम होना, जो टिनिटस का एक प्राथमिक कारण है। |
| बायमॉडल न्यूरोमोड्यूलेशन | उपचार जिसमें ध्वनि थेरेपी को शारीरिक उत्तेजना (जैसे जीभ) के साथ जोड़ा जाता है। |
| TMJ विकार | जबड़े के जोड़ की समस्याएं जो अक्सर श्रवण संबंधी लक्षणों को जन्म देती हैं। |
दैनिक वन-लाइनर्स: 02.01.2025
पर्यावरण संक्षिप्त: पश्चिम बंगाल में पौधों की नई प्रजाति की खोज
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- नई खोज: पश्चिम बंगाल के कालिम्पोंग के सांगसेर वन में स्टेलारिया बंगालेंसिस (Stellaria bengalensis) नामक पौधों की एक नई प्रजाति खोजी गई है।
- वर्गीकरण: यह स्टेलारिया (Stellaria) वंश और कैरियोफिलेसी (Caryophyllaceae) परिवार (जिसे आमतौर पर कार्नेशन/पिंक परिवार के रूप में जाना जाता है) से संबंधित है।
- हिमालयी वनस्पति: यह पौधा पूर्वी हिमालय में 2,245 से 2,450 मीटर की ऊंचाई के बीच पनपता है।
- शारीरिक स्वरूप: यह एक छोटा वार्षिक शाक (8-10.5 सेमी लंबा) है जिसमें सफेद तारे के आकार के फूल होते हैं और इसमें सहपत्रों (bracts) का अभाव होता है।
- संरक्षण स्थिति: अपर्याप्त जनसंख्या डेटा के कारण IUCN ने वर्तमान में इस प्रजाति को "डेटा की कमी" (Data Deficient - DD) के रूप में वर्गीकृत किया है।
- हालिया संदर्भ: केरल में स्टेलारिया मैकक्लिंटोकिया (Stellaria mcclintockiae) की खोज के बाद, यह हाल ही में भारत में दूसरी स्टेलारिया खोज है।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: स्टेलारिया बंगालेंसिस
प्रश्न 1. पश्चिम बंगाल के किस जिले में नई प्रजाति स्टेलारिया बंगालेंसिस की खोज की गई?
उत्तर: कालिम्पोंग जिला (सांगसेर वन)।
प्रश्न 2. स्टेलारिया बंगालेंसिस की खोज किस वैज्ञानिक पत्रिका (Journal) में प्रकाशित हुई थी?
उत्तर: फाइटोटैक्सा (Phytotaxa)।
प्रश्न 3. "स्टेलारिया" नाम किस लैटिन शब्द से लिया गया है?
उत्तर: स्टेला (Stella - जिसका अर्थ "तारा" है), जो इसके तारे के आकार के फूलों को संदर्भित करता है।
प्रश्न 4. स्टेलारिया वंश किस पुष्पीय पौधों के परिवार से संबंधित है?
उत्तर: कैरियोफिलेसी (Caryophyllaceae)।
प्रश्न 5. इस नई हिमालयी जड़ी-बूटी के लिए फूल आने और फलने की अवधि क्या है?
उत्तर: मई से सितंबर।
स्टैटिक GK त्वरित संदर्भ
| विशेषता | परीक्षा के लिए विवरण |
|---|---|
| सामान्य नाम | स्टेलारिया प्रजातियों को अक्सर "चिकवीड्स" या "स्टारवॉर्ट्स" कहा जाता है। |
| खोज टीम | NEHU (शिलांग) और PSG कॉलेज (कोयंबटूर) के शोधकर्ता। |
| भारत में स्टेलारिया | भारत में लगभग 22 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से अधिकांश हिमालय में हैं। |
| पारिस्थितिक स्थान | मुख्य रूप से मिट्टी वाली ढलानों पर उगते हुए पाए जाते हैं। |
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जल संसाधन: CGWB के कार्य और 2025 गुणवत्ता रिपोर्ट
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- CGWB की स्थिति: केंद्रीय भूमि जल बोर्ड जल शक्ति मंत्रालय के तहत एक वैज्ञानिक संगठन है, जिसका मुख्यालय फरीदाबाद में है।
- 2025 रिपोर्ट: वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2025 इस बात पर प्रकाश डालती है कि भारत के 440 जिले 45 मिलीग्राम/लीटर से अधिक नाइट्रेट स्तर से प्रभावित हैं।
- यूरेनियम का खतरा: अत्यधिक दोहन के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के भूजल में यूरेनियम का स्तर चिंताजनक स्तर तक पहुँच गया है।
- NAQUIM: भारत राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम (National Aquifer Mapping and Management Program) लागू कर रहा है, जो दुनिया की सबसे बड़ी भूमिगत जल मानचित्रण पहल है।
- नियमन: केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA) पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत जल निष्कर्षण को नियंत्रित करता है।
- वैश्विक स्थिति: भारत विश्व स्तर पर भूजल का सबसे बड़ा निष्कर्षक बना हुआ है, जो चीन और अमेरिका के संयुक्त उपयोग से भी अधिक है।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: CGWB और जल सुरक्षा
प्रश्न 1. भूजल प्रबंधन के लिए CGWB की नियामक शाखा के रूप में कौन सा निकाय कार्य करता है?
उत्तर: केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA)।
प्रश्न 2. पीने के पानी में नाइट्रेट के उच्च स्तर के कारण कौन सी चिकित्सीय स्थिति होती है?
उत्तर: ब्लू बेबी सिंड्रोम (मेथेमोग्लोबिनेमिया)।
प्रश्न 3. राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान कहाँ स्थित है?
उत्तर: रायपुर, छत्तीसगढ़।
प्रश्न 4. केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA) का गठन किस अधिनियम के तहत किया गया था?
उत्तर: पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986।
प्रश्न 5. टिकाऊ भूजल प्रबंधन के लिए विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित योजना का नाम क्या है?
उत्तर: अटल भूजल योजना।
स्टैटिक GK त्वरित संदर्भ
| पैरामीटर | प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विवरण |
|---|---|
| स्थापना | 1970 में 'एक्सप्लोरेटरी ट्यूब वेल्स ऑर्गनाइजेशन' का नाम बदलकर बनाया गया। |
| आर्सेनिक हॉटस्पॉट | मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और बिहार के गंगा के मैदानी इलाकों में पाए जाते हैं। |
| नाइट्रेट की सुरक्षित सीमा | 45 मिलीग्राम/लीटर (BIS/CGWB मानकों के अनुसार)। |
| क्षेत्रीय कार्यालय | CGWB भारत भर में 18 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से संचालित होता है। |
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पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी: शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य की मुख्य विशेषताएं
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- अभयारण्य की उत्पत्ति: शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य (कोल्लम, केरल) का नाम चेंकुरुंजी पेड़ (Gluta travancorica) से पड़ा है, जो इस क्षेत्र की स्थानिक (endemic) प्रजाति है।
- बायोस्फीयर स्थिति: यह पेप्पारा और नेय्यार अभयारण्यों के साथ अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व का एक मुख्य घटक है।
- नदी संगम: शेंदुर्नी, कझुथुरुथी और कुलथुपपुझा नदियाँ अभयारण्य के भीतर मिलकर कल्लडा नदी का निर्माण करती हैं।
- अग्रणी ईको-टूरिज्म: इस अभयारण्य में थेनमाला स्थित है, जो भारत का पहला नियोजित ईको-टूरिज्म गंतव्य है।
- 2025 जैव विविधता सर्वेक्षण: 2025 की शुरुआत में हुए एक हालिया सर्वेक्षण में दुर्लभ तितलियों और 'लेसर फिशिंग ईगल' के घोंसले सहित लगभग 450 प्रजातियों को प्रलेखित किया गया है।
- स्थानिक जीवजंतु: यह अभयारण्य लायन-टेल्ड मकाक और नीलगिरी लंगूर के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है, जो दोनों पश्चिमी घाट के स्थानिक जीव हैं।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: परीक्षा-उन्मुख अभ्यास
प्रश्न 1. शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य किस राज्य और जिले में स्थित है?
उत्तर: कोल्लम जिला, केरल।
प्रश्न 2. शेंदुर्नी अभयारण्य का नाम किस स्थानिक वृक्ष प्रजाति के नाम पर रखा गया है?
उत्तर: चेंकुरुंजी (Gluta travancorica)।
प्रश्न 3. शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य के अंदर कौन सा प्रमुख बांध और जलाशय स्थित है?
उत्तर: थेनमाला बांध (परप्पर जलाशय)।
प्रश्न 4. अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व के केरल वाले हिस्से को बनाने वाले तीन वन्यजीव अभयारण्यों के नाम बताएं।
उत्तर: शेंदुर्नी, पेप्पारा और नेय्यार वन्यजीव अभयारण्य।
प्रश्न 5. शेंदुर्नी, कझुथुरुथी और कुलथुपपुझा नदियों के संगम से कौन सी नदी बनती है?
उत्तर: कल्लडा नदी।
स्टैटिक GK त्वरित संदर्भ
| पैरामीटर | प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विवरण |
|---|---|
| स्थापना वर्ष | 1984 (वन्यजीव अभयारण्य घोषित)। |
| वन के प्रकार | उष्णकटिबंधीय सदाबहार, अर्ध-सदाबहार और नम पर्णपाती वन। |
| उल्लेखनीय पक्षी | ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल (केरल का राजकीय पक्षी)। |
| UNESCO स्थिति | पश्चिमी घाट विश्व धरोहर स्थल और अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर (MAB) का हिस्सा। |
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ई-गवर्नेंस: NAeG 2025 के विजेता और सम्मेलन की मुख्य विशेषताएं
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- सम्मेलन स्थल: ई-गवर्नेंस पर 28वां राष्ट्रीय सम्मेलन आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया।
- विषय (Theme) 2025: 2025 पुरस्कारों का विषय "विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन" था।
- ऐतिहासिक समावेशन: जमीनी स्तर पर डिजिटल सेवा वितरण को सम्मानित करने के लिए पहली बार ग्राम पंचायतों के लिए एक समर्पित श्रेणी शुरू की गई।
- स्वर्ण विजेता (जीपी): 100% डिजिटल साक्षरता हासिल करने के लिए रोहिणी ग्राम पंचायत (धुले, महाराष्ट्र) ने स्वर्ण पुरस्कार जीता।
- संपदा 2.0: मध्य प्रदेश की SAMPADA 2.0 परियोजना को पेपरलेस संपत्ति पंजीकरण में क्रांति लाने के लिए स्वर्ण पुरस्कार मिला।
- भाषिणी (Bhashini): डिजिटल समावेशन के उद्देश्य से एआई-आधारित भाषा अनुवाद मंच के लिए MeitY के भाषिणी प्रभाग को सम्मानित किया गया।
- पुरस्कार राशि: स्वर्ण पुरस्कार विजेताओं को ₹10 लाख, जबकि रजत पुरस्कार विजेताओं को ₹5 लाख मिलते हैं।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025
प्रश्न 1. राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कारों का प्रशासन कौन सा विभाग करता है?
उत्तर: प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG)।
प्रश्न 2. किस ग्राम पंचायत ने जमीनी स्तर की पहल के लिए स्वर्ण पुरस्कार जीता?
उत्तर: रोहिणी ग्राम पंचायत, महाराष्ट्र।
प्रश्न 3. NAeG 2025 में रजत पुरस्कार के लिए पुरस्कार राशि कितनी है?
उत्तर: ₹5 लाख।
प्रश्न 4. किस मंत्रालय की "डिजी यात्रा" परियोजना ने स्वर्ण पुरस्कार जीता?
उत्तर: नागरिक उड्डयन मंत्रालय।
प्रश्न 5. "विशाखापत्तनम घोषणापत्र" कहाँ अपनाया गया था?
उत्तर: ई-गवर्नेंस पर 28वें राष्ट्रीय सम्मेलन (NCeG) में।
स्टैटिक GK त्वरित संदर्भ
| पैरामीटर | अभ्यर्थियों के लिए विवरण |
|---|---|
| नोडल मंत्रालय | कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय। |
| नॉलेज पार्टनर | IIM विशाखापत्तनम (28वें NCeG के लिए)। |
| प्रथम NAeG पुरस्कार | 2003 से ई-गवर्नेंस में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए स्थापित। |
| डिजिटल इंडिया की शुरुआत | 1 जुलाई, 2015। |
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विमानन सुरक्षा: बेली लैंडिंग और आपातकालीन प्रोटोकॉल
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- बेली लैंडिंग की परिभाषा: एक आपातकालीन पैंतरेबाज़ी जहां एक विमान लैंडिंग गियर का विस्तार किए बिना उतरता है, जिसमें फ्यूज़लेज (पेट का हिस्सा) प्राथमिक संपर्क सतह के रूप में उपयोग किया जाता है।
- तकनीकी शब्द: विमानन नियमावली में इसे आधिकारिक तौर पर "गियर-अप लैंडिंग" कहा जाता है।
- घटना का संदर्भ: जेजू एयर की उड़ान 7C2216 (29 दिसंबर, 2024) को बैकाल टील (Baikal teal) पक्षियों के टकराने (bird strike) का सामना करना पड़ा, जिससे मुआन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन बेली लैंडिंग हुई।
- सुरक्षा तंत्र: प्रभाव बल को कम करने के लिए, पायलट गियर-अप लैंडिंग के दौरान न्यूनतम संभव गति पर अधिकतम लिफ्ट बनाए रखने के लिए फ्लैप और स्लैट्स का उपयोग करते हैं।
- नियामक निरीक्षण: भारत में, DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) वायु सुरक्षा और दुर्घटना निवारण के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय है।
- डिस्ट्रेस कोड: ऐसी आपातकालीन लैंडिंग करने वाले पायलट 'मेडे' (Mayday) कॉल प्रसारित करते हैं और अपने ट्रांसपोंडर को 7700 (आपातकालीन स्क्वाक कोड) पर सेट करते हैं।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: विज्ञान और तकनीक (विमानन)
प्रश्न 1. एक पायलट सामान्य लैंडिंग के बजाय बेली लैंडिंग का विकल्प मुख्य रूप से किस कारण से चुनता है?
उत्तर: जब तकनीकी या यांत्रिक विफलता लैंडिंग गियर को तैनात करने या लॉक होने से रोकती है।
प्रश्न 2. 2025 की शुरुआत में जेजू एयर क्रैश जांच में किस पक्षी प्रजाति की पहचान की गई थी?
उत्तर: बैकाल टील (प्रवासी बत्तख की एक प्रजाति)।
प्रश्न 3. विमानन शब्दावली में "डिचिंग" (Ditching) क्या है?
उत्तर: पानी की सतह पर की जाने वाली एक नियोजित आपातकालीन लैंडिंग।
प्रश्न 4. कौन सा विमानन उपकरण कम गति पर लिफ्ट बढ़ाता है, जो आपातकालीन लैंडिंग के लिए महत्वपूर्ण है?
उत्तर: फ्लैप और स्लैट्स (Flaps and Slats)।
प्रश्न 5. हाल ही में जेजू एयर की आपातकालीन लैंडिंग दक्षिण कोरिया के किस शहर में हुई?
उत्तर: मुआन (मुआन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा)।
स्टैटिक GK: विमानन नियामक निकाय और शब्दावली
| शब्द/एजेंसी | प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विवरण |
|---|---|
| DGCA (भारत) | नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत वैधानिक निकाय; मुख्यालय नई दिल्ली में। |
| ICAO | अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (UN एजेंसी); मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में। |
| स्क्वाक 7700 (Squawk 7700) | सामान्य आपात स्थिति के लिए अंतर्राष्ट्रीय ट्रांसपोंडर कोड। |
| ब्लैक बॉक्स | इसमें CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) और FDR (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) शामिल होते हैं। |
दैनिक वन-लाइनर्स: 02.01.2025
अर्थव्यवस्था एवं कृषि: भारतीय तंबाकू बोर्ड और निर्यात रुझान
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- कानूनी स्थिति: तंबाकू बोर्ड एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है, जिसे 1975 के तंबाकू बोर्ड अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था, जो 1 जनवरी, 1976 से कार्य कर रहा है।
- शासन: यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है, जिसका मुख्यालय गुंटूर, आंध्र प्रदेश में है।
- रिकॉर्ड निर्यात वृद्धि: वित्त वर्ष 2025 में भारतीय तंबाकू निर्यात 16,728 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2019-20 के 6,408 करोड़ रुपये से एक बड़ी छलांग है।
- किसान समृद्धि: फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू की औसत कीमत 2024-25 में बढ़कर 279.54 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जिससे पांच वर्षों में किसानों की आय प्रभावी रूप से दोगुनी हो गई।
- वैश्विक स्थिति: भारत वर्तमान में गैर-निर्मित तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक (चीन के बाद) और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (ब्राजील के बाद) है।
- तकनीकी सुधार: पारदर्शी मूल्य खोज के लिए आईटी-सक्षम इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रणाली के कार्यान्वयन को मुख्य कारण बताया गया है।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: कृषि और उद्योग
प्रश्न 1. भारतीय तंबाकू बोर्ड का मुख्यालय किस शहर में स्थित है?
उत्तर: गुंटूर, आंध्र प्रदेश।
प्रश्न 2. उत्पादन और क्योरिंग (Curing) के लिए तंबाकू बोर्ड द्वारा मुख्य रूप से किस किस्म को विनियमित किया जाता है?
उत्तर: फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू।
प्रश्न 3. 2025 तक तंबाकू उत्पादन के मामले में भारत का वैश्विक रैंक क्या है?
उत्तर: दूसरा (2nd)।
प्रश्न 4. तंबाकू बोर्ड किस केंद्रीय मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है?
उत्तर: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय।
प्रश्न 5. कौन सा भारतीय राज्य तंबाकू का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 45% है?
उत्तर: गुजरात।
स्टैटिक GK: आवश्यक तंबाकू तथ्य
| पैरामीटर | प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विवरण |
|---|---|
| सबसे बड़ा उत्पादक राज्य | गुजरात (इसके बाद आंध्र प्रदेश और कर्नाटक)। |
| जलवायु परिस्थितियाँ | 20-30°C तापमान और 100-120 दिनों की पाला-मुक्त अवधि की आवश्यकता होती है। |
| निर्यात गंतव्य | प्रमुख आयातकों में यूएई (UAE), बेल्जियम, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। |
| अंतर्राष्ट्रीय संधि | भारत WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC) का हस्ताक्षरकर्ता है। |
दैनिक वन-लाइनर्स: 02.01.2025
शिक्षा और सामाजिक मुद्दे: UDISE+ रिपोर्ट 2023-24 की मुख्य विशेषताएं
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- कार्यान्वयन एजेंसी: UDISE+ का प्रबंधन शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) द्वारा किया जाता है।
- कुल नामांकन: 2023-24 तक, भारत में कुल स्कूल नामांकन 24.8 करोड़ है, जो पिछले मूल्यांकन औसत की तुलना में 1 करोड़ से अधिक की गिरावट दर्शाता है।
- लिंग सांख्यिकी: स्कूलों में लिंग वितरण लड़कों के लिए 51.9% और लड़कियों के लिए 48.1% बना हुआ है।
- डिजिटल बुनियादी ढांचा: केवल 57.2% स्कूलों में कार्यात्मक कंप्यूटर हैं, और 53.9% के पास इंटरनेट की पहुंच है, जो निरंतर डिजिटल विभाजन को उजागर करता है।
- अल्पसंख्यक नामांकन: कुल नामांकन में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व 20% है, जिसमें मुस्लिम (79.6%) और ईसाई (10%) सबसे बड़े समूह हैं।
- पहुंच (Accessibility): केवल 52.3% स्कूल रैंप से सुसज्हित हैं, जो विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (CwSN) के लिए एक गंभीर कमी है।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: शिक्षा क्षेत्र
प्रश्न 1. भारतीय शिक्षा के संदर्भ में UDISE+ का पूर्ण रूप क्या है?
उत्तर: यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (Unified District Information System for Education Plus)।
प्रश्न 2. ऑनलाइन रियल-टाइम डेटा सिस्टम प्रदान करने के लिए UDISE का 'प्लस' संस्करण किस वर्ष लॉन्च किया गया था?
उत्तर: 2018-19.
प्रश्न 3. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार किस राज्य में छात्र नामांकन में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई?
उत्तर: बिहार (35.65 लाख छात्रों की गिरावट के साथ)।
प्रश्न 4. कुल स्कूल नामांकन में अल्पसंख्यक छात्रों का कितना प्रतिशत मुस्लिम समुदाय से है?
उत्तर: 79.6% (20% कुल अल्पसंख्यक हिस्सेदारी का)।
प्रश्न 5. UDISE+ डेटा का अंतिम प्रमाणीकरण किस स्तर पर किया जाता है?
उत्तर: राज्य स्तर पर (राज्य परियोजना निदेशक द्वारा प्रमाणित)।
स्टैटिक GK: UDISE+ एक नजर में
| विशेषता | अभ्यर्थियों के लिए विवरण |
|---|---|
| स्कूलों की संख्या | लगभग 14.72 लाख (सरकारी + निजी)। |
| शिक्षकों की संख्या | पूरे भारत में लगभग 98.08 लाख। |
| सत्यापन प्रक्रिया | 3-चरणीय प्रक्रिया: ब्लॉक/क्लस्टर -> जिला -> राज्य। |
| SDG मैपिंग | सीधे तौर पर SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) की निगरानी करता है। |
दैनिक वन-लाइनर्स: 02.01.2025
कृषि और अर्थव्यवस्था: DAP उर्वरक और NBS योजना
प्रमुख दैनिक वन-लाइनर्स
- खपत रैंक: डाई-अमोनियम फास्फेट (DAP) यूरिया के बाद भारत में दूसरा सबसे अधिक खपत होने वाला उर्वरक है।
- रासायनिक संरचना: DAP दो प्राथमिक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की सांद्रित मात्रा प्रदान करता है: 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस।
- सब्सिडी व्यवस्था: यूरिया के विपरीत, DAP पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना द्वारा शासित होता है, जहाँ सब्सिडी निश्चित MRP के बजाय पोषक तत्वों के वजन के आधार पर तय की जाती है।
- नैनो-DAP नवाचार: 2025 में, सरकार पोषक तत्व उपयोग दक्षता बढ़ाने और आयात के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए नैनो-DAP को प्राथमिकता दे रही है।
- NBS कार्यान्वयन: NBS योजना का प्रबंधन रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत उर्वरक विभाग द्वारा किया जाता है।
- औद्योगिक उपयोग: खेती के अलावा, DAP का व्यापक रूप से अग्नि मंदक (fire retardant) के रूप में और खाद्य उद्योग में खमीर पोषक तत्व के रूप में उपयोग किया जाता है।
वन-लाइनर प्रश्नोत्तरी: कृषि और नीति
प्रश्न 1. डाई-अमोनियम फास्फेट (DAP) का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर: $(NH_4)_2HPO_4$।
प्रश्न 2. भारत में पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना किस वर्ष शुरू की गई थी?
उत्तर: अप्रैल 2010।
प्रश्न 3. DAP की एक बोरी में पाया जाने वाला मानक N-P-K अनुपात क्या है?
उत्तर: 18:46:0 (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम)।
प्रश्न 4. DAP में कौन सा मैक्रोन्यूट्रिएंट पौधों में जड़ों के मजबूत विकास के लिए जिम्मेदार है?
उत्तर: फास्फोरस (P)।
प्रश्न 5. NBS के तहत वार्षिक सब्सिडी दरें तय करने के लिए कौन सा सरकारी विभाग जिम्मेदार है?
उत्तर: उर्वरक विभाग (रसायन और उर्वरक मंत्रालय)।
स्टैटिक GK: त्वरित संदर्भ तालिका
| विशेषता | अभ्यर्थियों के लिए विवरण |
|---|---|
| प्राथमिक अनुप्रयोग | बेसल ड्रेसिंग (बुआई के समय प्रयोग किया जाता है)। |
| जल घुलनशीलता | उच्च (पौधों द्वारा त्वरित अवशोषण को सक्षम बनाता है)। |
| यूरिया बनाम DAP सब्सिडी | यूरिया: वैधानिक मूल्य नियंत्रण; DAP: पोषक तत्व-आधारित नियंत्रण मुक्त मूल्य निर्धारण। |
| वैश्विक संदर्भ | भारत DAP के सबसे बड़े आयातकों में से एक है, मुख्य रूप से चीन, जॉर्डन और मोरक्को से। |
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